भरमौर :धरती पर स्वर्ग की अनुभूति करवाती है नगार धार ,पढ़े क्या है मान्यता

हिमाचल जनादेश, भरमौर (पवन भारद्वाज)
आज हिमाचल जनादेश के पाठकों का ऐसी धार्मिक जगह का दीदार होगा जहां भगवान भोले नाथ ने अपना डेरा जमाया था। जिला चम्बा के विकास खण्ड मैहला की नवगठित पंचायत धिमला में स्थित भगवान भोले नाथ की नगरी से जानी जाने वाली जगह का नाम है नगार धार।
प्रकृति की अनमोल छटा लिए व रमणीय घाटियों से सुसज्जित ये जगह मुख्य मार्ग से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और मुख्य मार्ग से लेकर यहां तक बिल्कुल सीधी चढ़ाई है। अफसोस इस बात का है कि रास्ते भी नाम मात्र के है सिर्फ पगडंडियों के सहारे चढ़कर यहां पहुंचा जाता है । मगर एक बार यहां पहुंच गए तो फिर वापिस आने को मन ही नही करता ।
क्या है मान्यता-
पुराने बुजुर्ग बताते है कि इस धार पर भोले शंकर ने अपना डेरा जमाया था और वो यहीं बसना चाहते थे मगर राक्षसो के लगातार परेशान करने के बाद भगवान भोले नाथ ने ये जगह छोड़ दी और कैलाश पर्वत की ओर रुख किया। इस धार पर पानी की डली बनी हुई है और पास की एक शिला पर भगवान शिव का मंदिर है। जहां हर वर्ष जुलाई अगस्त में शिव नुआले का आयोजन किया जाता है ।
पर्यटन की अपार संभावनाएं समेटे हुए है ये जगह-
अगर सरकार व प्रशासन की दयादृष्टि हो जाये तो ये जगह धरती पर स्वर्ग से कम नही है क्योंकि ऐसे ऐसे पिकनिक स्पॉट है कि लोग बरबस की खिंचे चले आएंगे। सैंकड़ो मीटर की लंबाई में बिखरे खुले मैदान है । तरह तरह की जड़ी,बूटियों के साथ साथ रंग बिरंगे छोटे बड़े फूलों से ये धार अपने आप ही एक अप्रतिम छटा बिखेरती है।
यह है सबसे बड़ी समस्या-
यहां सबसे बड़ी समस्या है सड़क सुविधा। अगर सड़क सुविधा से इस धार को जोड़ दिया जाएं तो पर्यटकों के लिए घूमने के साथ साथ यहां के स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के द्वार खुल जाएंगे।
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