अयोध्या राम मंदिर में सबसे बड़ा दान,विहिप के अध्यक्ष अशोक सिंघल के भाई ने दिए 11 करोड़ रुप

हिमाचल जनादेश ,न्यूज़ डेस्क
अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए विश्व हिंदू परिषद के अंततराष्ट्रीय अध्यक्ष स्व. अशोक सिंघल के छोटे भाई अरविंद सिंघल ने 11 करोड़ रुपये का दान दिया है। यह राजस्थान में अब तक का सबसे बड़ा दान है।
जानकारी के अनुसार राम मंदिर निर्माण के लिए विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके अशोक सिंघल के भतीजे अरविंद ने 11 करोड़ रुपए दान दिए हैं।
उन्होंने कहा कि बड़े भाई अशोक सिंघल ने राम मंदिर निर्माण के लिए आंदोलन चलाया। अब उनका सपना पूरा होने जा रहा है। ऐसे में उस सपने की भव्यता में कोई कमी न रह जाए। इस बात को ध्यान में रखकर 11 करोड़ रुपए का दान दिया है।
राम मंदिर निर्माण के लिए राजस्थान से दी गई यह सबसे बड़ी दान राशि है। वीएचपी के दिवंगत नेता अशोक सिंघल ने राम मंदिर निर्माण का मुद्दा प्रमुखता से उठाया था। इसके लिए उन्होंने कई बड़े आंदोलन भी किए थे।
अरविंद सिंघल ने कहा कि राम मंदिर निर्माण का सपना काफी पुराना है, जो अब पूरा होने जा रहा है। ऐसे में मंदिर निर्माण की भव्यता में किसी भी तरह की कमी नहीं रहनी चाहिए। अरविंद ने यह भी कहा कि उनके चाचा अशोक सिंघल ने जीवन भर मंदिर निर्माण के लिए संघर्ष किया। लेकिन उनके जीते जी मंदिर निर्माण का उनका सपना पूरा नहीं हो सका। ऐसे में अपने चाचा के सपने को पूरा होता देख मुझे काफी खुशी हो रही है।
उदयपुर के सिंघल परिवार के सदस्य सलिल सिंघल PM नरेंद्र मोदी के साथ राम मंदिर भूमि पूजन में भी शामिल हुए थे। इस भूमि पूजन में कोविड के चलते चुनिंदा लोगों को ही आमंत्रित किया गया था। सिंघल परिवार को भी मंदिर ट्रस्ट ने आमंत्रित किया गया था। तब अरविंद सिंघल की तबीयत ठीक नहीं थी, ऐसे में भतीजे सलिल सिंघल इस पूजन कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उन्होंने पीएम के साथ शिलान्यास पूजन किया था।
अरविंद सिंघल ने उदयपुर में मंदिर निर्माण के संकलनकर्ता पारस सिंघवी को दो बार में चेक से 11 करोड़ रुपए दिए। पहले 5 करोड़ फिर बुधवार को 6 करोड़ रुपए दिए। पारस सिंघवी ने बताया कि राजस्थान में सिंघल परिवार द्वारा दी गई राशि अब तक की सबसे अधिक है। अरविंद सिंघल बड़े कारोबारी हैं।
वह वॉलकैन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। वॉलकैन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड माइनिंग के क्षेत्र के साथ ही बिजली के मीटर और उपकरण बनाने का काम करती है, जो भारत समेत कई दूसरे देशों में भी सप्लाई किए जाते हैं।
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