नूरपुर: गौसेवकों ने किया नाले में फंसे गौवंश का रेस्क्यू, बोले युवा गौसेवा पहले त्यौहार बाद में

हिमाचल जनादेश, नूरपुर (ब्यूरो)
बुधवार देर शाम को जब पूरा प्रदेश लोहड़ी को मनाने में अपने घरों में व्यस्त था वहीं नूरपुर के चौगान में स्वयंसेवी युवाओं की टोली नाले में फंसे हुए एक गौवंश का रेस्क्यू करने में व्यस्त थी। जब तक बेजुबान को निकाल कर मरहम पट्टी नहीं की तब तक कोई भी अपने घरों को नहीं लौटा। उस समय जो एक सकून मस्तमौलों के चहेरों पर था उसकी कोई भी तुलना नहीं की जा सकती है। इसके साथ ही लोहड़ी के पावन पर्व पर गौ सेवक भाइयों ने बेसहारा गौ बंशज को रेडियम कॉलर पहनाएं।
यह है मामला
नूरपुर (चौगान) में एक गौ बंशज नाले में फसे होने की सूचना मिली तत्काल करवाई करते हुए गौ सेवकों व स्थानीय युवाओं के सहयोग गौ बंशज को निकाला गया और अभी मलहम पट्टी का निस्वार्थ कार्य किया जा रहा है। हिमाचल जनादेश के साथ विशेष बातचीत में समाजसेवक अर्पण चावला, रविंद्र समकडिया समेत अन्य स्वयंसेवियों ने बताया कि गौ सेवकों के लिए गौ सेवा पहले है त्योहार बाद में है। गौ सेवा को परम् सेवा मानने वाले ऐसे जत्थे की जितनी तारीफ की जाएं उतनी ही कम है।
पहले भी सैंकड़ों पशुओं का कर चुके है रेस्क्यू
हिमाचल जनादेश के साथ विशेष बातचीत में गौसेवकों ने बताया कि जिला के नूरपुर से लेकर देहरा तक ऐसी टोलियां है जो बेसहारा गौवंशजों की सेवा में समर्पित है। जहां पर भी किसी बेजुबान को घायल अवस्था में होने की सुचना मिलती है वहां पर कुछ ही समय में सहायता मुहैया करवाई जाती है। उनके मन में सिर्फ यही टीस है कि गौसेवा के नाम पर राजनीतिक रोटियां तोड़ने वाले अगर संजीदगी से अपने कर्तव्य को समझे तो ऐसी नौबत नहीं आएगी।
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